स्थानीय पुलिस की शह पर मानव तश्कर को मिली खुली छूट , शासन प्रशासन बना मूक दर्शक

बाराद्वार- नगर के युवा बस ब्यवसायी द्वारा अपने निजी वाहन योगेश कोच व पवन बस सर्विस में मजदूरों की तस्करी का ठेका लेकर छत्तीसगढ़ से अन्य राज्यों के लिए स्थानीय मजदूरों की तस्करी का धंधा खुलेआम जारी है। युवा बस ब्यवसायी के इस गोरखधंधे पर शासन प्रशासन की मौन सहमति समझ से परे है। इस युवा ब्यवसायी द्वारा अपने बसों से तश्करी करने के अलावा क्षेत्र के अन्य बसों को किराये पर लेकर मजदूरों की अन्य राज्य भेजने के बहाने मानव तस्करी जैसे घिनौने कार्य का संचालन किया जा रहा है। बाराद्वार नगर के बस स्टैंड स्थित बस ब्यवसायी के इस गोरखधंधे की खबर लगातार प्रकाशित होने के बावजूद अब तक शासन प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं होना समझ से परे है। राजनीति के जानकारों की माने तो वर्तमान सरकार राज्य में बेरोजगारी जैसे मुद्दे से बचने मजदूर पलायन पर रोक लगाने के मूड में नहीं दिख रहा है।

पूर्व की कार्यवाही पर नजर डालें तो रेल्वे स्टेशनों में रेलगाड़ी के माध्यम से अन्य राज्य जाने वाले मजदूरों पर स्थानीय पुलिस व रेल्वे पुलिस की लगातार कार्यवाही होते रही है। मगर आज जिस तरह खुलेआम मजदूरों के पलायन के नाम पर छत्तीसगढ़ के लोगों की तस्करी चल रही है और स्थानीय पुलिस के मुखिया तथा शासन प्रशासन मौनी बाबा बन मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं वह छत्तीसगढ़ के भविष्य के लिए चिंता का विषय है।
लगातार अखबारों में मानव तस्करी में संलिप्त दलाल के बारे समाचार प्रकाशन होने के बावजूद स्थानीय पुलिस का अंजान बने रहना स्थानीय पुलिस की साँठ गांठ को सत्य साबित करता है।

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार आने वाले 10 दिनों में करीब 30 गाड़ी मजदूरों को झारखंड पहुंचाने का ठेका भी इस दलाल को मिला है। जिसमें प्रति गाड़ी शासन प्रशासन की सेटिंग के लिए ऊपर से 30 से 40 हजार अलग से मांग की गई है। इस तरह 30 गाड़ी मजदूर पलायन पर इस कृत्य में शामिल शासन प्रशासन के लोगों को 9 से 12 लाख रुपये का फायदा इस दलाल के माध्यम से पहुंचेगा। स्थानीय मीडिया से बचने दलाल रात को 2 से 3 बजे के बीच गाड़ियों को रवाना करता है।
