
रायगढ़ पुलिस की “”संवेदना”” घरेलू सामान पहुंचाने का लिया जिम्मा
आपका छोटा सा योगदान
बनेगा जीवन की मुस्कान
बारिश के मौसम में हर व्यक्ति पौधा रोपना चाहता है। वहीं पितृपक्ष भी है। तो क्यों ना हम पुण्य के पौधे रोपें। कहते हैं पितृपक्ष में किया गया पुण्य, पितरों को मिलता है। वहीं जन्म जन्मांतर तक फूलता-फलता रहता है।

पिछले दिनों महानदी के तटवर्ती इलाकों में आई बाढ़ से लगभग 50 गांव के हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। बहुत कुछ खो चुके इन परिवारों के लिए रायगढ़ पुलिस ने मानवता का धर्म निभाते हुए संवेदना के माध्यम से घरेलू सामान पहुंचाने का जिम्मा लिया है।
इस प्रशंसनीय प्रयास में अपना हाथ बढ़ाते हुए आप भी बाल्टी-मग, बर्तन, जूता, चप्पल, टीन शीट, प्लास्टिक शीट, तिरपाल, बरसाती पन्नी, कम्बल, चादर, साड़ी, लूंगी, गमछा, पतले गद्दे, सीमेंट, बांस-बल्ली, इमरजेंसी लाइट, टार्च जैसी घरेलू चीजें स्थानीय चौकी एवं थाने में देकर जरूरतमंद परिवारों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर सकते हैं।
