
गुरु श्री मिनरल्स के प्रदूषण से क्षेत्र हो रहा दूषित
बाराद्वार- बाराद्वार जैजैपुर मार्ग पर सड़क किनारे संचालित गुरु श्री मिनरल्स व चुना भट्ठा से निकलने वाला धूल और धुंआ ने क्रेशर क्षेत्र से लगे ग्राम पंचायत बस्ती बाराद्वार व डूमर पारा को पूरी तरह दूषित कर रखा है। साथ ही बाराद्वार जैजैपुर मार्ग में चलने वाले राहगीरों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है। विगत कई वर्षों से ग्राम बस्ती बाराद्वार में संचालित गुरु श्री मिनरल्स से निकलने वाले प्रदूषण युक्त धूल व धुंआ से क्षेत्र के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


प्रदूषित धुंआ जहाँ एक ओर क्षेत्र में दमा जैसी बीमारी परोस रहा तो दूसरी तरफ क्रेशर से निकलने वाले धूल ने वाहन चालकों व राहगीरों को सड़क पर चलने में परेशानी पैदा कर रहा है। जिसकी वजह से इस क्रेशर क्षेत्र में दर्जनों दुर्घटनाएं हो चुकी है। क्रेशर व चुना भट्ठा से निकले वाले हानिकारक धूल व जहरीले धुएँ से आसपास के ग्रामीण गंभीर बीमारी के शिकार होने लगे हैं।

ग्रामीणों को सांस लेने में तकलीफ, बेचैनी व आंखों में देखने की समस्या के अलावा और भी कई तरह के गंभीर व धीमे मौत देने वाली बीमारी होने लगी है। क्रेशर द्वारा लगातार फैलाये जा रहे प्रदूषण पर प्रदूषण विभाग अनभिज्ञ बना हुआ है। इसी अनभिज्ञता का फायदा उठाते हुए गुरु श्री मिनरल्स द्वारा नियमों को ताक में रखकर क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने का काम किया जा रहा है।
प्रदूषण विभाग इस मामले पर आँख मूंदे बैठा है , जिससे क्रेशर द्वारा परोसे जा रहे इस प्रदूषण पर लगाम नहीं लग पा रही है।
रेशम के पेड़ हुए प्रदूषण के शिकार
क्रेशर के किनारे लगे रेशम के पेड़ मरने के कगार पर पहुंच गए हैं। क्रेशर के प्रदूषित धूल व धुँए ने रेशम पेड़ की बढ़ने की क्षमता को खत्म सा कर दिया है। सभी पेड़ धूल से ढंके हुए दिखाई देते हैं। पेड़ों को देखकर लगता है जैसे पत्थर के पेड़ लगे हुए हैं।
क्रेशर में क्षमता से अधिक भंडारण
क्रेशर संचालक अपनी चालाकी दिखाते हुए क्षमता से अधिक भंडारण करने से बाज नहीं आ रहा। बीच बीच मे विभागीय कार्यवाही के बाद कुछ दिन के लिए नियमों का पालन किया जाता है। उसके बाद फिर से नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए क्षमता से अधिक भण्डारण किया जाता है। अभी भी गुरु श्री मिनरल में क्षमता से अधिक भंडारण जैसा नजारा क्रेशर में देखने को मिल रहा है।
मजदूरों का पंजीयन भी संदेह के घेरे में
गुरु श्री मिनरल्स में कार्यरत मजदूरों की पंजीकरण भी श्रम विभाग में नहीं के बराबर है। चुना भट्ठा व क्रेशर को मिलाकर सैकड़ों मजदूर इस फर्म में कार्यरत हैं मगर पंजीयन के नाम पर कुछ मजदूरों का ही पंजीयन श्रम विभाग में है। इस तरह से भी शासन प्रशासन को झूठी जानकारी देकर मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। मजदूरों के हितों की तरफ भी श्रम विभाग को ध्यान देने की जरूरत है।

