राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने किया हबीब तनवीर स्मृति नाट्य महोत्सव का समापन

01 सितंबर से शुरू संगम नाट्य समिति बिलासपुर के फेसबुक पेज पर हबीब तनवीर स्मृति नाट्य महोत्सव का समापन राज्यसभा सांसद श्री राजमणि पटेल जी ने किया। यह कार्यक्रम रीवा राजनिवास में सम्पन्न किया गया।

 

 

 

इस दौरान मुख्यअतिथि राजमणि पटेल ने रंग गुरु हबीब तनवीर को याद करते हुए कहा कि हबीब जी ने रंगमंच की सरल भाषा के प्रयोग को विश्वपटल पर कैसे स्थापित किया जाय। इसके बारे में हिंदुस्तान को सीख दी। हम भारतवासियों को उनकी लेखनी और सहजता को आत्मसात करने की आवश्यकता है। हबीब जी ने अपने पूरे जीवन काल मे नाटकों का प्रदर्शन कर देश विदेश में भारत का नाम रोशन किया।

 

 

 

एडिनबरा फेस्टिवल में चरणदास चोर नाटक को प्रदर्शित कर पहला एडिनबरा फ्रिडज़ फर्स्ट सम्मान से सम्मानित हो हिंदुस्तानी लोक संस्कृति का कीर्तिमान अपने नाम किया। शिक्षक दिवस के दिन इस महोत्सव का समापन किया जा रहा है, यह समूचे रंग कर्मियों के लिए गुरु के प्रति विशेष आभार होगा।

 

 

सबसे बड़ा उपहार शैलेन्द्र कुशवाहा के लिए है। जिन्होंने न केवल उनके रंग संस्थान में काम किया बल्कि उनके नाम को भी लगातार गति दे रहे हैं। बताते चले कि इस कार्यक्रम की अध्यक्षता रीवा के वरिष्ठ रंगकर्मी, लेखक निर्देशक श्री हीरेन्द्र सिंह ने किया। उन्होंने सबसे पहले हबीब तनवीर जी को याद करते हुए कहा कि मेरी लेखन शैली में हबीब जी का विशेष योगदान रहा है। वो मेरे गुरु भी रहे हैं और उनके सानिध्य में मुझे काम करने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ है। हीरेन्द्र जी ने अपने संस्मरणों को कार्यक्रम के दौरान याद किया। उन्होंने कहा कि जिन नाटकों को मैंने लिखा और निर्देशित किया उसकी प्रेरणा हबीब साहब के छत्तीसगढ़ी नाटकों से ही प्राप्त हुई। शिक्षक दिवस के दिन इस कार्यक्रम में शामिल होने का जो सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ है उसके लिए मैं संगम परिवार का तहे दिल से आभारी हूँ। आगे की कड़ी में संगम नाट्य समिति के निर्देशक शैलेन्द्र ने इस 05 दिवसीय नाट्य महोत्सव में जिन संस्थाओं ने अपने नाटकों का प्रदर्शन किया उनके प्रति आभार प्रदर्शित किया, जिसमे नाट्यलोक जबलपुर, रंग त्रिवेणी, भोपाल, रंगदूत सीधी, सघन ग्रुप भोपाल और अंतिम दिन की प्रस्तुति के लिए मंडप आर्ट्स रीवा का धन्यवाद किया। इस महोत्सव को सफल बनाने में जिन लोगो का हाँथ था उनमें के. सुधीर रंजन जी, मन्ना लाल गंधर्व जी, अमर सिंह जी, विपुल सिंह जी, शुभम पांडेय जी, अखंड प्रताप सिंह परिहार जी, मनोज मिश्रा जी, प्रसन्न सोनी जी, संजय गर्ग जी, संजय उपाध्याय जी, आनंद मिश्रा जी, विशाल आचार्य जी और उन तमाम साथियो का धन्यवाद जिन्होंने इस महोत्सव के सफल बनाने में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से अपनी भूमिका का निर्वहन किया। संगम परिवार आप सभी का आभारी है।

नाटक के बारे में

हवलदार महावीर प्रसाद नाटक में कार्य, परिवार, संबंध, रिश्तेदारियां के साथ तादात्म्य बनाने के लिए पुलिस कैसे काम करती है दर्शाता है साथ ही गुनाहगारों और पुलिस के सम्बंध को भी उजागर करता है। आपदा के समय पुलिस देश भक्ति जन सेवा की भावना से बिना भेदभाव के संविधान का पालन करवाते है। नाटक का निर्देशन मनोज कुमार मिश्रा ने किया है। प्रस्तुति मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केन्द्र की है नाटक में 26 कलाकारों ने भाग लिया था नाटक का अंतिम मंचन बघेली नाट्य महोत्सव भोपाल में हुआ था। मुख्य पात्र हवलदार महावीर प्रसाद का चरित्र शंकर दयाल शर्मा ने किया है छोट्टन विलेन का चरित्र सुभाष गुप्ता ने किया। नीरज, राजवीर, भोला भाई, विनोद, विपुल, अनुराग, विवेक ने विभिन्न चरित्रों को निभाकर अपनी क्षमता को प्रदर्शित किया। पुलिस इंस्पेक्टर के चरित्र में दिव्यांशू सिंह ने समा बांध दिया, वहीं सिद्धार्थ दुबे ने सिपाही के जीवन की दुश्वारियों को अपने संवादों से सिद्ध कर दिया। अन्य कलाकारों ने बहुत ही अच्छा काम किया है।

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