
अंततः अनुशासन का चला डंडा,,, श्याम सुंदर अग्रवाल को कांग्रेस ने किया निष्कासित


सक्ती: नगरपालिका चुनाव में जैसे जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है नगर की राजनीति में उठापटक जोरों शोरों से हो रही है। ऊंट किस करवट बैठेगा ये तो आने वाली 15 तारीख को पता चलेगा।
नगरपालिका अध्यक्ष पद हेतु कांग्रेस ने रीना गेवाडीन को अपना प्रत्याशी बनाया। कांग्रेस के नेता श्याम सुंदर अग्रवाल को चूंकि उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें अपना प्रत्याशी बनाएगी मगर हुवा इसका उलट और पार्टी ने रीना गेवाडीन को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। इससे नाराज होकर श्याम सुंदर अग्रवाल ने निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ना तय किया।
पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध जाकर अपना नामांकन जमा करा दिया साथ ही अपना स्तीफा भी जिला कांग्रेस कमेटी को सौंप दिया। नगर के कांग्रेसीयों के साथ साथ आम जन मानस में भी यह धारणा बनी हुई थी कि नाम वापसी के दिन श्याम सुंदर अग्रवाल अपना नाम वापस ले लेंगे।
सभी पूर्वानुमान को नकारते हुए श्याम सुंदर अग्रवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ही चुनाव लड़ना तय किया और खुलकर कांग्रेस प्रत्याशी के विरुद्ध ताल ठोक दिया।
अंततः कांग्रेस प्रत्याशी का खुलकर विरोध करना और पार्टी के साथ अनुशासन हीनता करने का आरोप लगाते हुए जिला कांग्रेस कमेटी ने श्याम सुंदर अग्रवाल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि इस निष्कासन की कार्रवाई से सक्ती की राजनीति में क्या असर होगा। क्या ऐसे कांग्रेसी जो निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ रहे श्याम सुंदर अग्रवाल के साथ अभी अंदरूनी रूप से साथ दे रहे हैं वो सभी खुलकर सामने आ जाएंगे या पार्टी के अनुशासन के डंडे के सामने चुपचाप श्याम सुंदर अग्रवाल से किनारा कर लेंगे।



