सक्ती क्षेत्र में प्रशासनिक छत्रछाया में चल रहा गोरखधंधा, चूना पत्थर खदान एवं क्रेशर मालिकों को मिली है खुली छूट,,छोटे बड़े झाड़ के जंगल एवं कृषि भूमि पर हो रहा उत्तखनन,, आबंटित भूमियों का हो सीमांकन

 

सक्ती: सक्ती क्षेत्र में स्थित चूना पत्थर खदान एवं क्रेशर के विरुद्ध लगातार शिकायतें मिल रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम जगदल्ली में छोटे झाड़ के जंगल एवं बड़े झाड़ के लगभग 13 एकड़ जंगल भूमि तथा कृषि भूमि पर खदान एवं क्रेशर का संचालन किया जा रहा है। यहां बड़े पैमाने पर शासकीय भूमि तथा वन विभाग की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है जिसका उपयोग डंपिंग यार्ड तथा मार्ग के रूप में किया जा रहा है।

 

 

 

वही क्षेत्र के एक ग्राम अन्य ग्राम बैलाचुंवा में स्थित चूना पत्थर खदान जो कि शासकीय दस्तावेज में आज भी कृषि भूमि ही दर्ज है वहां धड़ल्ले से खुदाई की जा रही है।

 

खदान संचालन एवं क्रेशर हेतु आबंटित भूमि जो कि कृषि भूमि है जिसका नियमतः औद्योगिक भूमि के रूप में परिवर्तन किया जाना था जिससे शासन को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होती मगर शासन की आंखों में धूल झोंककर आज पर्यन्त कृषि भूमि में ही खदान एवं क्रेशर का संचालन किया जा रहा है।

 

 

 

ग्रामीणों ने बताया कि यह खदान तो आवागमन के लिए उपयोग में आने वाली सड़क से मात्र 2 से 5 मीटर की दूरी पर स्थित है जिससे हमेशा जानमाल का खतरा बना रहता है साथ ही शासन की महत्वपूर्ण सिंचाई योजना हसदेव बांगो परियोजना अंतर्गत निर्मित बड़ी नहर कुछ ही दूरी पर स्थित है लगातार विस्फोटकों के उपयोग से नहर को क्षति पहुंचने की पूरी सम्भावना है।

 

लगातार मिल रही शिकायतों के बावजूद प्रशासन का ध्यान इनपर न जाना मिलीभगत को उजागर करता है। देखना दिलचस्प होगा कि कब प्रशासन इस पर संज्ञान लेते समस्त खदानों एवं क्रेशरों के भूमि की जांच करते हुए सीमांकन की कार्रवाई करता है या किसी बड़ी दुर्घटना के घटने का इंतजार करता है।

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क्या सक्ती जिला अपनी आशानुरूप जिला स्तर का स्वरूप प्राप्त कर रहा है ??

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