बाराद्वार में शिक्षकों की कमी को लेकर हुवा चक्काजाम, विद्यालय में नेतागिरी हावी

बाराद्वार – नगर के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के द्वारा रसायन एवं संस्कृत के शिक्षकों की कमी होने के कारण स्टेशन रोड में आज कुछ देर के लिए चक्काजाम किया गया साथ ही नारेबाजी भी की गई। छात्राओं ने हाथों में हमारी मांगें पूरी करो की तख्ती भी अपने साथ रखीं थीं जिससे यह लग रहा था कि इस चक्काजाम की तैयारी उनके द्वारा पूर्व में ही कर ली गई थी। कुछ देर के चक्काजाम होते ही इसकी सूचना तहसीलदार, थाना प्रभारी सहित नगर पंचायत को मिली तो सभी हरकत में आए और उन्होंने तत्काल वहां पहुंचकर छात्राओं से बातचीत कर इस चक्काजाम को खत्म कराया।

 

 

 

थाना प्रभारी राजेश खलखो, तहसीलदार विद्या भूषण साव सहित उपस्थित सीएमओ लक्ष्मण देहारी,नगर पंचायत उपाध्यक्ष विजय सूर्यवंशी, नेता प्रतिपक्ष दीपक ठाकुर, पार्षद अजय सिंह राजपूत, पंकज सांवड़िया ने उनसे बातचीत की और उनकी मांगे जानी, लेकिन शासन प्रशासन को पूर्व सूचना दिए बगैर चक्काजाम को अनुचित बताया साथ ही उन्हें समझाया कि आपके विद्यालय के प्राचार्य या आपकी तरफ से शिक्षा विभाग को मांग पत्र सौंपा जाना चाहिए जब उस पर कार्रवाई न हो तो इस तरह के कदम उठाने चाहिए, मांग पूरी नहीं होने पर भी चक्काजाम करने के पूर्व आपको शासन प्रशासन को सूचना देनी होती है। आप सभी अपना मांग लिखित रूप में हमें दिजिए ताकि हम सभी मिलकर शिक्षकों की कमी को दूर करने में आपकी सहायता कर सकें।

 

*बी ई ओ ने मंगलवार तक शिक्षक की कमी को पूरा करने का दिया आश्वासन*

 

विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के पी राठौर से तहसीलदार विद्या भूषण साव द्वारा संपर्क किया गया तथा शिक्षकों की कमी की जानकारी दी गई तब उन्होंने मंगलवार तक शिक्षकों की कमी को पूरा करने का आश्वासन दिया जिससे छात्राऐं संतुष्ट हुई।

 

*कन्या शाला में नेतागिरी हावी*

 

आज चक्काजाम होने पर प्राचार्य दाताराम काटले से संपर्क किया गया तो वो अवकाश में थे तथा ऐसी किसी भी स्थिति के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही साथ ही उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को शिक्षकों की कमी होने की जानकारी दी गई है।

 

छात्राओं से चक्काजाम के दौरान जब पूछा गया कि बीईओ को इस हेतु आप लोगों ने ज्ञापन दिया है तो वो बीईओ का मतलब ही नहीं बता पाईं साथ ही शिक्षा मंत्री का नाम पूछने पर भी किसी को शिक्षा मंत्री का नाम पता नहीं था लेकिन छात्राएं शिक्षा मंत्री के खिलाफ भी नारेबाजी कर रहीं थी ऐसे में संदेह होने तथा चक्काजाम खत्म होने पर कुछ छात्राओं से नाम ना छापने की शर्त पर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि दो शिक्षकों के द्वारा इन्हें ऐसा करने हेतु कहा गया था, ऐसा करने से शिक्षकों की कमी तुरंत पूरी होने की बात पर हम छात्राओं ने चक्काजाम किया था। कन्या विद्यालय में ऐसा पहले भी किया जा चुका है, शिक्षक छात्राओं को अच्छी शिक्षा देने की बजाए उन्हें चक्काजाम करने की शिक्षा दे रहे हैं।

 

अगर इस तरह की शिक्षा के मंदिर को राजनीति की पाठशाला बनाया जाएगा और बिना शासन प्रशासन को सूचना दिए इनसे चक्काजाम कराया जाएगा तो इन छात्राओं का भविष्य कैसा होगा इसका तो भगवान ही मालिक है।

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