
जिले में डोलोमाइट दोहन में जिला प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में, मुख्यमंत्री से सीधे शिकायत की तैयारी
सक्ती: जिला मुख्यालय से लगे ग्राम डुमरपारा में संचालित एक क्रेशर संचालक द्वारा लगातार डोलोमाइट की चोरी करते हुए खनिज संपदा का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। ताजा मामला यह सामने आया है कि एक क्रेशर संचालक की अवैध खुदाई की शिकायत कलेक्टर से होने के बाद शिकायत पर आज पर्यंत कोई विभागीय कार्यवाही तो हुई नहीं बल्कि अब अवैध उत्खनन क्षेत्र पर क्रेशर संचालक द्वारा मिट्टी पाटने का कार्य किया धड़ल्ले से जा रहा है।

क्रेशर संचालक जिस तरह से दबंगई पूर्ण डोलोमाइट का उत्खनन कर रहे हैं उससे समय सीमा के 20 वर्ष पूर्व ही खदान को खोदकर डोलोमाइट निकाल लिया जा रहा है। फिर खदान क्षेत्र के आसपास की जमीन पर अवैध खुदाई कर 10 एकड़ की लीज पर 20 एकड़ की खुदाई कर दिया जाता है फिर भी इस पूरे मामले में खनिज विभाग धृतराष्ट्र की भूमिका निभाते नजर आता है।

उक्त क्रेशर संचालक अब फिर से नई जगह पर खदान लीज पर लेने हेतु लगा हुआ है। राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन को नई खदान की स्वीकृति से पूर्व इस तरह के मामले पर उचित जांच की जरूरत है। जिससे शासन को करोड़ों के राजस्व की प्राप्ति होगी।

जिला प्रशासन और खनिज विभाग के उदासीन रवैये के कारण आजपर्यंत इस क्रेशर संचालक पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं कि गई है और आपसी मिलीभगत से मामले को दबा दिया गया है पर अब इस मामले की शिकायत मंत्रालय के साथ साथ सीधे मुख्यमंत्री से करने की पूरी तैयारी कर ली गई है जिससे ऐसे खदान संचालकों और भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा के दोहन पर रोक लगाई जा सके।



