क्या सिर्फ मोदी लहर के सहारे ही जीती जा सकती है जांजगीर- चाम्पा लोकसभा सीट

सक्ती: जांजगीर-चाम्पा लोकसभा के अंतर्गत आने वाले आठ विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है इस लिहाज से वर्तमान परिदृश्य में भाजपा काफी पिछड़ी हुई दिखाई पड़ रही है।
लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी से सक्ती, जांजगीर-चाम्पा, चंद्रपुर के मतदाता तो परिचित हैं मगर बाकि अन्य पांच विधानसभा क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।
कांग्रेस के प्रत्याशी शिवकुमार डहरिया जो कि पिछले कांग्रेस कार्यकाल में छत्तीसगढ़ शासन में कद्दावर नेता रहे और केबिनेट में अपना स्थान बनाए रखे उनकी पकड़ उनके अपने विधानसभा क्षेत्र के अलावा अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी मजबूत दिखाई पड़ रही है।
यदि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सक्ती विधानसभा क्षेत्र की बात की जाए तो यहां कुछ दिनों पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशाल सभा का आयोजन किया गया था जिसमें क्षेत्रीय भाजपा संगठन पर भारी अव्यवस्था का भी आरोप लगा था कि जिन जिन को जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी वो उसका पालन नहीं कर पाए।
कमोबेश हाल अभी भी वही है कि स्थानीय संगठन सिर्फ मोदी जी के भरोसे ही चुनावी बैतरणी पार लगाना चाह रही है ऊपर स्तर के संगठन से जो भी राशि जिस मद के लिए भेजी जाती है उस मद पर खर्च न करके दबा दिया जा रहा है। भाजपा के कई सक्रिय और कर्मठ कार्यकर्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सक्ती जिले में भाजपा संगठन के जिम्मेदार लोगों के द्वारा सक्रिय कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा की जा रही है जिससे उनके मन में असंतोष की लहर पैदा हो रही है।
भाजपा संगठन का केंद्रीय नेतृत्व एवं प्रदेश नेतृत्व के द्वारा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी की जीत के लिए जो रूपरेखा बनाई जा रही है उसका अक्षरशः पालन नहीं किया जा रहा है जिसका दुष्परिणाम आगे दिखाई पड़ सकता है। असन्तुष्ट कार्यकर्ताओं ने कहा कि यदि समय रहते इस पर सुधार नहीं किया गया तो सिर्फ मोदी जी के सहारे जीत दर्ज नहीं की जा सकती।

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क्या सक्ती जिला अपनी आशानुरूप जिला स्तर का स्वरूप प्राप्त कर रहा है ??

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