
सक्ती में स्वस्फूर्त हटाया जा रहा बेजाकब्जा,, नगर विकास के लिए अपना आशियाना छोड़कर प्रशासन का साथ दे रहे लोग,
सक्ती: नगर वासियों की बहुप्रतीक्षित मांग थी कि सक्ती को जिला बनाया जाए। इसके लिए सक्ती वासियों ने लगातार जन आंदोलन भी किया था।
वर्तमान में जब सक्ती जिला बन गया है तो इसका प्रत्यक्ष लाभ सक्ती नगर को नहीं मिल रहा है, जिससे सक्ती की जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है। जब भी शासन प्रशासन के पास सक्ती की जनता ने अपनी व्यथा सुनाई सिर्फ एक ही बात कहकर जनता की बात को नकार दिया जाता रहा कि नगर के भीतर जमीन उपलब्ध नहीं है।
आज दिनांक को जब नगरवासी अपनी स्वेच्छा से अपना कब्जा छोड़कर प्रशासन को जमीन उपलब्ध करा रहे हैं तो यह बात कहीं न कहीं इस बात को साबित करती है कि नगरवासी नगर के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और नगर विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।







यह बात अब देखने वाली होगी कि क्या पूरा बेजाकब्जा हटने के बाद भी प्रशासन उक्त भूमि का उपयोग नगरवासियों के हित को ध्यान में रखकर कम्पोजिट बिल्डिंग की तर्ज पर जिला कार्यालय की स्थापना करती है या सिर्फ पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं है का रोना रोती रहेगी।



