सक्ती में खुलेआम उड़ाई जा रही नियमों की धज्जी, प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई ना करना संदेह के घेरे में

सक्ती: नगर के पंडित दीनदयाल स्टेडियम जो कि रक्षित केंद्र बनाया गया है वहां पर पटाखा दुकान लगाने की अनुमति नगर पालिका के द्वारा दी गई है। यहां पर खुलेआम प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री की जा रही है जिसकी शिकायत की गई है मगर इस पर कोई कार्रवाई नजर नहीं आ रही है।

 

 

“सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का” की तर्ज पर नगर के भीतर खासकर बाजार पारा में पटाखों की बिक्री खुलेआम की जा रही है जो कि खुली आँखों से आम जनता के द्वारा देखा जा सकता है मगर धन्य है पुलिस प्रशासन और धन्य हैं राजस्व विभाग के अधिकारीगण जिनको यह दिखाई नहीं दे रहा है। क्या कारण है कि जो आम जनता देख पा रही है उसको नगर के जिम्मेदार अधिकारी नहीं देख पा रहे हैं या जानबूझकर देखना नहीं चाह रहे हैं यह समझ से परे है।

 

 

नवगठित जिला सक्ती में पुलिस के द्वारा अभी तक एक भी दुकानदार पर कार्रवाई ना करना तथा कोई भी प्रकरण दर्ज ना करना पटाखा विक्रेताओं के ऊपर पुलिस प्रशासन के आशीर्वाद को दर्शाता है। अवैध व्यापारियों पर कार्रवाई न होने से अवैध पटाखा व्यापारियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।

 

 

गौरतलब बात यह है कि नगर पालिका सक्ती के अंतर्गत 46 पटाखा विक्रेताओं ने स्थाई पटाखा लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया था जिसमे 39 पटाखा विक्रेताओं के द्वारा ड्रा के माध्यम से दुकान निकाली गई जिनमें से 30 विक्रेताओं के द्वारा दीनदयाल स्टेडियम में पटाखा दुकान लगाई गई है बाकी के 16 पटाखा विक्रेताओं के द्वारा दुकाने नहीं लगाई जा रही हैं। इन दुकानदारों के द्वारा नगर में किराए पर लाइसेंस दिया जा रहा है। जिनके नाम से लाइसेंस नहीं है वे लोग फटाका बेचने का काम खुलेआम अवैध रूप से कर रहे हैं जिस पर राजस्व विभाग के द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है।

 

 

सवाल अब यह भी उठता है कि क्या किसी दूसरे के नाम पर लिए गए लायसेंस पर कोई अन्य व्यक्ति पटाखा बेच सकता है, क्या इस प्रकार का प्रावधान लायसेंस की कंडिका में है। यदि नहीं तो फिर लगभग 30 से 40% दुकानदारों के पास स्वयं के नाम का लाइसेंस नहीं है और वो दूसरे के नाम पर अपना धंधा चला रहे हैं जिनपर प्रशासन को कड़ाई से जांच कर ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

 

 

रिहायशी इलाकों में अवैध भंडारण के साथ ही बिक्री पर कार्रवाई ना करना यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या किसी बड़ी दुर्घटना या अनहोनी की प्रतीक्षा राजस्व विभाग के द्वारा की जा रही है ताकि जब जान माल का नुकसान हो जाए तो दिखावे के रूप में कोई छोटी मोटी कार्रवाई कर कर्तव्यों की इतिश्री कर दी जाए। समय रहते यदि इन अवैध भंडारण/ बिक्री तथा विक्रेताओं पर कड़ाई पूर्वक कार्यवाही कर दी जाती है तो आम जनता के जीवन को दुर्घटना से बचाया जा सकता है।

Live Share Market

जवाब जरूर दे 

क्या सक्ती जिला अपनी आशानुरूप जिला स्तर का स्वरूप प्राप्त कर रहा है ??

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Back to top button
.
Website Design By Bootalpha.com +91 8448265129
.
Close