
सक्ती से दूर जिला कार्यालय, प्रशासन की मजबूरी या मनमानी,
सक्ती: 15 अगस्त को जिला की घोषणा के बाद सक्ती की आम जनता खुशी मना रही थी और अपने सुनहरे भविष्य के लिए सपने संजो रही थी मगर हर सपना हकीकत नहीं होता कि तर्ज पर इस सपने का दुखद अंत करने में प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

1/6/22 को जारी आदेश से स्पष्ट है कि जिला कलेक्टर कार्यालय तथा पुलिस अधीक्षक कार्यालय ग्राम जेठा में खोला जाएगा।
सक्ती जिले में पदस्थ ओ एस डी के द्वारा घूम घूम कर पूरे नगर में सर्वे किया गया और कई स्थानों को चिन्हित किया गया मगर यह बात समझ से परे है कि नगर में कई स्थानों को चिन्हांकित किए जाने के बाद आखिर ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि सबके सुझाव तथा उपलब्ध स्थानों को छोड़कर प्रशासन ने जेठा महाविद्यालय भवन को उपयुक्त समझा।
प्रशासन के निर्णय से आम जनता में काफी रोष नजर आ रहा है साथ ही जेठा महाविद्यालय के छात्र छात्राओं का भविष्य भी दांव पर लगा हुआ है जिससे महाविद्यालय के छात्र छात्राओं के द्वारा प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आंदोलन का रास्ता तक अपनाने की बात कही जा रही है।

इसी तारतम्य में आज दिनांक 3/6/22 को स्थानीय हटरी धर्मशाला में एक बैठक रखी गई जिसमें नगर के बाहर जिला कार्यालय खोले जाने के आदेश के विरोध में सभी ने अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि फिलहाल प्रशासन को ज्ञापन देते हुए अपनी मांग और बात रखी जाए यदि प्रशासन अपनी ही जिद पर अड़ा रहा तो फिर आंदोलन के रूप में धरना, प्रदर्शन, नगर बंद,क्रमिक भूख हड़ताल किए जाएंगे।उक्त बैठक मेंआम जिम्मेदार नागरिकगणों के साथ जिला बनाओ संघर्ष समिति के सदस्यगण,चेम्बर आफ कामर्स के सदस्यगण एवं अधिकारीगण, देवांगन युवा मोर्चा के सदस्यगण, महाविद्यालय के छात्रगण, पत्रकारगण तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ साथ अधिवक्ताओं ने अपने अपने विचार रखते हुए आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा तय की। जिला कलेक्टर के आदेश के विरोध स्वरूप सभी उपस्थित लोगों ने काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।



उपस्थित जनों के साथ अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिगम्बर प्रसाद चौबे,संजय रामचंद्र के द्वारा काली पट्टी लगाकर जिले में पदस्थ ओ एस डी के नाम पर ज्ञापन दिया गया साथ ही 2 दिन बाद पुनः ज्ञापन देकर आंदोलन करने के निर्णय से प्रशासन को अवगत कराया।



