
ज्वाइंट डायरेक्टर माइनिंग ने की जांच, पंचनामा बनाकर रायपुर में जवाब पेश करने को कहा
18 फरवरी, एक तरफ सरकार ने डोलोमाइट के 11 खननपट्टों की जांच के लिए ट्रिगर भेजे हैं। वहीं रायपुर से टीम आकर अलग से भी जांच कर रही है। बुधवार को खनिज संचालनालय से ज्वाइंट डायरेक्टर डोलोमाइट के चार खनिपट्टों की जांच करने पहुंचे। इस दौरान पूरी गड़बड़ी सामने आ गई। पंचनामा बनाने के बाद चारों लीजधारकों को रायपुर में हाजिरी लगाने को कहा गया है।
डोलोमाइट खदानों की स्थिति देखकर ही पता चल जाता है कि कितनी मनमानी की गई है। बरमकेला तहसील के कटंगपाली, साल्हेओना, जोतपुर, छैलफोरा, जोतपुर आदि क्षेत्रों में करीब 14 खनिपट्टे जारी किए गए हैं। इनको जितने रकबे की खदान चलानी है, उससे कई गुना अधिक जमीन पर खनन कर लिया गया है। 11 खदानों की जांच के लिए ट्रिगर जारी किए गए हैं। इसी बीच बुधवार को रायपुर से ज्वाइंट डायरेक्टर एमएस कंवर, खनि निरीक्षक भूपेंद्र भगत और एक सुपरवाइजर की टीम कटंगपाली क्षेत्र में जांच करने पहुंची। उनके साथ रायगढ़ के सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारीक और खनि निरीक्षक राकेश वर्मा भी थे।
मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर से अधिकारी चार क्रशरों की लिस्ट लेकर आए थे। उन्होंने मिनरल्स कटंगपाली, सतगुरु सांई माइंस सिद्धार्थ सारडा, रायगढ़ मिनरल्स कमल शर्मा और बाालाजी माइंस एंड मिनरल्स राजकुमार अग्रवाल के खदानों में दबिश दी। खदान का क्षेत्रफल देखकर उत्पादन के आंकड़ों से मिलान किया गया। इसमें भारी अंतर पाया गया है। खदान के आसपास दूसरे की जमीन को भी छलनी कर दिया गया है। बाउंड्रीवॉल ही नहीं है और जल निकासी की कोई व्यवस्था ही नहीं है। ऐसे कई तरह की गड़बडिय़ां पाई गईं जिनका पंचनामा बनाया गया।
रायपुर में होगा निराकरण
चारों खदानों की जांच के बाद पंचनामा तैयार किया गया है। प्रकरण का निराकरण रायपुर में ही होगा। ज्वाइंट डायरेक्टर ने चारों लीजधारकों को संचालनालय में हाजिरी देने को कहा है। बताया जा रहा है कि जिस तरह की गड़बड़ी मिली है, उससे खदान भी सील हो सकती है। अब तक डोलोमाइट खदानों की कई बार जांच हो चुकी है लेकिन वहां जितनी अनियमितता है उसे ठीक करने के प्रयास नहीं किए जाते। अवैध खदानों को सामने देखते हुए भी प्रशासन कार्रवाई नहीं करता। सरकार बदलने के बाद भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।



