जमानत सशर्त मिलती है इसका पालन करना चाहिए– गीता नेवारे, अपर सत्र न्यायाधीश

सक्ती: किसी भी दाण्डिक मामलों में न्यायालय अभियुक्त को जमानत देते समय कुछ शर्तों जैसे प्रत्येक पेशी में उपस्थिति का पालन करना अनिवार्य होता है।
उक्त विचार सयुंक्त राष्ट्र स्थापना दिवस के अवसर पर उप जेल सक्ती में आयोजित विधिक एव जागरूकता शिविर के अवसर पर पर तालुका विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष एवं प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश गीता नेवारे ने कही। श्रीमती नेवारे ने आगे कहा कि शर्तों को भंग करने पर न्यायालय से गिरफ्तार किये जाने हेतु वारंट जारी किया जाता है। न्यायिक मजिस्ट्रेट विचारण मामलों में तो जमानत पुनः हो सकती लेकिन गंभीर मामलों में न्यायालय फिर भरोसा नहीं करती। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भारती कुलदीप ने बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि परिवार समाज से अच्छे संबंध हों ताकि ऐसी विपरीत परिस्थितियों में उनका सहयोग मिल सके। कई बार ऐसा होता कि आरोपी बार बार किसी न किसी मामले में जेल में रहता है इसका मतलब सुधरने के कोई प्रयास नहीं होते, अपने भविष्य की सोचें ऐसे अवसरों से दूर रहें जिनमें आपराधिक घटनाओं की सम्भावना हो।

न्यायाधीश गणों द्वारा जेल के प्रत्येक बैरकों में जाकर निरुद्ध बंदियों से उप जेल सक्ती में मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली एवं गहन निरीक्षण कर अच्छी व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया। इस अवसर पर जेल स्टॉफ़ के अलावा सहायक जेल अधीक्षक सतीश चंद्र भार्गव उप जेल पेनल लायर गिरधर जायसवाल, विकास विश्वकर्मा, एवं बंदियो की उपस्थिति रही।

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