
पारंपरिक त्यौहारों को आमजन तक पहुंचाना ही मेरी कला का उद्देश्य: अमित तम्बोली
सक्ती: कुछ अलग करने की चाह लोगों की भीड़ से अलग करती है और समाज में एक विशेष दर्जा प्रदान करती है।
इन्ही बातों को चरितार्थ कर रहे सक्ती के एक कलाकार जिन्होंने अपनी विशेष और अनूठी कला से सक्ती सहित पूरे प्रदेश में अपना विशेष स्थान बनाया है।

नगर के कलाकार अमित तम्बोली जो कि अपनी अनूठी कला के लिए जाने जाते हैं। हर विशेष अवसर पर अपनी कला का प्रदर्शन कर क्षेत्र वासियों को अपनी कला समर्पित करते हैं। इसी कड़ी में अमित विजयादशमी के अवसर पर स्वचलित रावण की कलाकृति बनाकर रावण के मुख से बुराई से दूर रहने का संदेश दिलवाकर आम जन तक अपनी बात पहुँचाने में सफल रहे। असत्य पर सत्य की विजय का और बुरे कर्म का बुरा नतीजा के प्रतीक स्वचलित रावण की झांकी को लोगों ने खूब सराहा तथा अमित तम्बोली की प्रशंसा की साथ ही पारंपरिक त्योहारों में विशेष तथा अनूठी कला के साथ कलाकृति बनाने के लिए बधाई दी।



