
नहीं थम रहा मानव तस्करी का खेल , स्थानीय अधिकारियों को चढ़ रहा चढ़ावा , खुलेआम अधिकारियों की दी जा रही धौंस

बाराद्वार- जिले में मजदूर पलायन के नाम पर हो रहे मानव तस्करी चरम सीमा पर है। कुछ दिनों पहले बाराद्वार के एक युवा बस मालिक द्वारा मानव तस्करी में दलाली करने की खबर प्रकाशित हुई थी। जिसमें खुलेआम बाराद्वार बस स्टैंड में बस लगाकर मजदूर भरकर बाहर ले जाने की खबर प्रकाशित हुई थी।

खबर प्रकाशन के बाद इस दलाल बस मालिक द्वारा कार्यप्रणाली में बदलाव कर मानव तस्करी को अंजाम देने का कार्य अनवरत जारी है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जो बसें पहले बस स्टैंड बाराद्वार में खड़े होकर मजदूरों को भरकर ले जाती थी, अब वही बसें डूमर पारा के पास स्थानीय तथाकथित कांग्रेसी नेता जो कि अपने आप को विधानसभा अध्यक्ष का करीबी बताता है के ब्रिक्स फैक्टरी के अंदर खड़े होकर मजदूर भरकर रात के अंधेरे में निकलती है। मजदूर पलायन के आड़ में मानव तस्करी का काम रुका नहीं है। बस काम करने के तरीके में बदलाव हुआ है।
दलाल बस व्यवसायी स्थानीय पुलिस थाना के मुखिया के नाम पर जमाता है धौंस
अपने फायदे के लिए स्थानीय मजदूरों की तस्करी करने वाला युवा दलाल की बातें हैरान करने वाली होती हैं। वह सरेआम यह कहकर धौस देता है कि उसके स्थानीय पुलिस अधिकारी के साथ सेटिंग है। जिसको जो करना है कर ले, इस तरह की बातें कर स्थानीय पुलिस को बदनाम करने में भी दलाल कोई परहेज नहीं करता। सार्वजनिक जगहों पर या फिर पत्रकारों के सामने या फोन पर कहीं पर भी इस तरह की बातें कर पुलिस की संलिप्तता को उजागर करता है। पुलिस की सुस्त कार्यशैली से दलाल की बातें सत्य भी प्रतीत होती है वरना कोई भी इस तरह सरेराह खाकी पर इल्जाम लगाते नहीं फिरता है।
जिस जिले का प्रभार मंत्री टी एस सिंहदेव जैसे नेता ने संभाल रखा हो तथा जो क्षेत्र प्रदेश के कद्दावर नेता तथा विधानसभा अध्यक्ष का हो उस जिले और क्षेत्र से मजदूरों की इस तरह खुलेआम तस्करी ने स्थानीय लोगों के सामने अनेक सवाल ला खड़ा किये हैं। प्रदेश के दो बड़े दिग्गजों के क्षेत्र में यदि ऐसा पलायन या तस्करी पर लगाम नहीं लग पा रही है तो प्रदेश के अन्य हिस्सों का हाल क्या होगा समझा जा सकता है । पूरे क्षेत्र में स्थानीय विधायक व जिला प्रभारी मंत्री तथा जिलाधीश का इस मामले पर संज्ञान न लेना सवालिया निशान लगा रहा है और जन चर्चा का विषय बना हुआ है।
