सक्ती जनपद राजनीति का अखाड़ा, किसी बाहरी नेता के इशारे पर कार्य करने का सीईओ पर लग रहा आरोप

वर्किंग कमेटी द्वारा तैयार किए गए 15 वें वित्त के कार्ययोजना के पश्चात जनपद के सामान्य सभा द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए 127 कार्य लगभग 2.5 करोड़ की लागत का अनुमोदन किया गया जिसके पश्चात उक्त समस्त कार्यों का प्राकलन एवम तकनीकी स्वीकृति स्वयं सीईओ श्री यादव द्वारा कराया गया लेकिन जब सदस्यों द्वारा उक्त सभी कार्यों का प्रशासकीय स्वीकृति की बात की गई तो उनके द्वारा टालमटोल करते हुए हर बार अलग अलग कारण बताते हुए सदन द्वारा प्रस्तावित अनुमोदित एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त गाँव के विकास कार्य को बाधित किया जा रहा है।

राजेश राठौर ,जनपद अध्यक्ष  सक्ती

 

सक्ती: ज्ञात हो कि लगातार सक्ती जनपद के सीईओ यादव अपने कर्तव्यों की अनदेखी करते हुए अपनी मनमानी कर रहे हैं जनपद में बहुमत से पारित सभी प्रस्तावों को दरकिनार करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था का मख़ौल उड़ा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सामान्य सभा की बैठक में पारित 15 वें वित्त की राशि से स्वीकृत कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति के लिए लगातार जनपद सदस्यों को घुमाया जा रहा है।लगातार जनपद अध्यक्ष द्वारा गाँव के विकास कार्यों को लेकर जनपद सदस्यों द्वारा मांग पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता वाली वर्किंग कमेटी की बैठक में स्वीकृत कार्ययोजना के क्रियान्वयन के लिए लगातार जनपद सीईओ डी एस यादव को निवेदन किया जा रहा है बावजूद इसके श्री यादव द्वारा मनमानी करते हुए वर्किंग कमेटी के निर्णयों को नहीं माना जा रहा है। वहीं लगातार जनपद सीईओ पर किसी बाहरी नेता के दबाव में आकर जनपद में राजनीति करने का भी आरोप लग रहा है। ज्ञात हो कि पूर्व के भी जनपद सीईओ द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लाखों रुपए फर्जी तरीके से आहरण करने का आरोप जनपद अध्यक्ष द्वारा लगाया गया था। जिसके संबंध में समस्त दस्तावेज जनपद अध्यक्ष राजेश राठौर द्वारा जिले के कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को भी शिकायत पत्र के साथ दी गई थी। मगर आज पर्यन्त पूर्व सीईओ द्वारा किए गए गबन की जांच उच्चाधिकारियों द्वारा नहीं की गई है। इसी बात का फायदा उठाते हुए वर्तमान सीईओ श्री यादव द्वारा अपने पद के कर्तव्यों का दुरुपयोग करते हुए ग्राम के विकास पर अड़चन पैदा कर रहे हैं वहीं कुछ जनपद सदस्यों को बरगला कर वर्तमान जनपद अध्यक्ष के खिलाफ द्वेष का माहौल पैदा कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि जनपद सीईओ के इस कृत्य से जनपद की विश्वसनीयता धूमिल हो रही है वहीं जनपद कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों में भी आपसी वैमनस्यता बढ़ते जा रही है। वहीं विगत कुछ दिनों की स्थितियों को ध्यान दिया जाए तो यह बात भी सामने आ रही है कि जब जब जनपद अध्यक्ष राजेश राठौर एवं सभापतियों द्वारा जनपद सीईओ के भ्रष्टाचार एवं मनमानी की शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई तब तब राजनीतिक प्रतिद्वंदीता के कारण कुछ विपक्षी जनपद सदस्य सीईओ की मनमानी एवं भ्रष्टाचार के समर्थन में खड़े दिखते हैं साथ ही अध्यक्ष के खिलाफ उल जुलूल शिकायत भी करते हैं।

15 वें वित्त की राशि के लिए अलग से गाईड लाईन तैयार की गई है जिसमें सदन की बहुमत को नकार कर सभी को समान राशि वितरण का प्रावधान किया गया है।
डी एस यादव, प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद सक्ती

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क्या सक्ती जिला अपनी आशानुरूप जिला स्तर का स्वरूप प्राप्त कर रहा है ??

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