शांति द्वार नगर बाराद्वार, बना अपराध द्वार

 

बाराद्वार – छत्तीसगढ़ राज्य में रायपुर, रायगढ़ के बीच मध्य गुजरे एन एच में एक नगर पंचायत नया बाराद्वार स्थित है। जो पहले श्यामा मंदिर, राणी सती मंदिर मेला,रोताही मेला के लिए प्रसिद्ध था। पूजा पाठ और आस्था से जुड़े हुए यहां के भक्तों द्वारा देवाधिदेव महादेव मंदिर तुर्री धाम में भी निःशुल्क भंडारा सहित कांवरियों की सेवा हेतु क्षेत्र में नगर की पहचान के साथ साथ व्यापारिक क्षेत्र में भी जाना जाता था लेकिन लगभग पांच साल से इस नगर को ना जाने किसकी नज़र लग गई है। ऐसे शांति और आस्था का द्वार आजकल टांगी हमले का नगर होते जा रहा है। जहां नगर पंचायत उपाध्यक्ष विजय सूर्यवंशी के ऊपर जान से मारने की नियत से पहली बार टांगी से हमला किया गया वहीं यह सिलसिला ऐसा चला कि अब तक टांगी से हमले के लगभग पांच केस थाने में दर्ज है साथ ही कई लोगों ने भय से पुलिस को सूचना ही नहीं दिया है।

 

 

*पुलिस की ठोस कार्रवाई ना करने से असामाजिक तत्वों का बढ़ता मनोबल*

 

बाराद्वार पुलिस द्वारा ऐसे असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करने के बजाय महज खाना पूर्ति की जा रही है यही कारण है कि इनका मनोबल बढ़ता जा रहा है नगर में अपराधिक तत्व खुले आम घूम कर वारदात को अंजाम दे रहे हैं वहीं स्थानीय पुलिस दो चार पाव शराब वालों पर कार्रवाई कर अपनी पीठ खुद थपथपा रही है। बाराद्वार थाने की हालत अब किसी से छुपी नहीं है जहां सिर्फ शराब के प्रकरण में दलाली हावी है। अभी कुछ दिनों पूर्व ही वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद अजय सिंह राजपूत के भतीजे राम सिंह को दो अपराधियों द्वारा जान से मारने की नियत से टांगी से मारकर छोटी नहर में फेंक दिया गया था सही समय पर सूचना मिलने पर परिजनों द्वारा उसका बिलासपुर में उपचार कराया जा रहा है वहीं पुलिस द्वारा इस घटना में शामिल एक नाबालिग सहित एक मुजरिम पर कार्रवाई करते हुए जेल में दाखिल कर दिया गया है। लेकिन यहां यह बात महत्वपूर्ण है और विचारणीय है कि इस प्रकार टांगी से लगातार घटना घटित हो रही है और पुलिस इस पर अंकुश क्यों नहीं लगा पा रही है।

 

*थाना प्रभारियों का लगातार तबादला*

 

बाराद्वार थाना में थाना प्रभारियों का लगातार तबादला पुलिसिंग कसावट में बाधा बन रही है क्योंकि जब तक थाना प्रभारी क्षेत्र को ठीक तरह से समझते हैं तब तक उनका तबादला अन्यत्र हो जाता है नगर में इससे पूर्व राजेश चंद्रवंशी का कुछ दिनों के लिए प्रभारी बनाया गया था उस समय थाना क्षेत्र में जबरदस्त पुलिसिंग देखने को मिली थी अपराधिक व्यक्तियों के लिए उन दिनों शामत ही आ गई थी नगरवासी आज भी उनके पुलिसिंग की तारीफ करते थकते नहीं हैं लेकिन एक महीने से भी कम अवधि में उनका तबादला कर दिया गया था।

 

*प्रधान आरक्षक ने किया ताबड़तोड़ कार्यवाही*

 

थाना क्षेत्र के एक युवा प्रधान आरक्षक मनीष राजपूत ने दो तीन दिन पूर्व शराब भट्टी के नजदीक संचालित सभी अवैध चखना दुकानों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही की लेकिन उच्च अधिकारियों के आदेश पर उसे मामला वापस लेना पड़ा। वैसे देखें तो नशा ही हर अपराध का जड़ है वहीं लोगों का कहना है कि अवैध चखना दुकान ही इन अपराधिक व्यक्तियों का अड्डा है अगर इन पर कार्रवाई होती है तो अपराध पर कुछ हद तक रोक लगाया जा सकता है।

 

*सट्टा बाजार का गढ़ है नगर*

 

क्रिकेट के सट्टा बाजार में नजदीक के नगर के बाद बाराद्वार बहुत बड़ा बाजार है जहां लोग बहुत ही अधिक मात्रा में पैसा लगाते हैं साथ ही यहां के सट्टा चलाने वालों का पुलिस के साथ गठजोड़ की बात आम हो गई है क्योंकि पांच साल में एक भी बड़ी कार्यवाही पुलिस द्वारा नहीं की गई है। जिससे लोगों के बीच यह बात आम हो गई है की कहीं ना कहीं पुलिस का सहयोग इन सटोरियों को प्राप्त है और यही वजह है कि पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठता है। अगर पुलिस द्वारा अपराधियों पर लगातार कार्यवाही नहीं किया गया तो आने वाले समय में और भी बड़ी घटनाओं को अपराधिक तत्व अंजाम दे सकते हैं इससे इंनकार नहीं किया जा सकता है।

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