
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में 43 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवा समाप्त, गम्भीर आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न
दैनिक वेतनभोगियों की बहाली की मांग, फेडरेशन ने सांसद से लगाई गुहार
खैरागढ़: इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ में कार्यरत 43 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को कार्य से हटाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। बताया गया है कि विश्वविद्यालय के प्रभारी भवन निर्माण विभाग द्वारा 12 मई 2025 को मौखिक सूचना देकर इन कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर दिया गया। इसके बाद फेडरेशन के हस्तक्षेप के बावजूद अब तक केवल 7-8 कर्मचारियों को ही पुनः कार्य पर लिया गया है।

शेष दर्जनों कर्मचारी अब भी बेरोजगारी और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। इन कर्मचारियों के पास विश्वविद्यालय से मिलने वाले वेतन के अतिरिक्त कोई अन्य आय का स्रोत नहीं है, जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण प्रभावित हो रहा है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, जो कि राज्य के 117 मान्यता प्राप्त तथा पूर्व गैर-मान्यता प्राप्त संगठनों का प्रतिनिधि संगठन है, ने इस विषय पर गंभीर चिंता जताई है।
फेडरेशन ने राजनांदगांव सांसद संतोष पांडे से आग्रह किया है कि वे इस मामले का संज्ञान लें और विश्वविद्यालय प्रशासन से चर्चा कर सभी हटाए गए कर्मचारियों को पुनः कार्य पर लिए जाने हेतु हस्तक्षेप करें।
फेडरेशन ने इसे मानवीय मुद्दा बताते हुए कहा कि यदि शीघ्र कोई कदम नहीं उठाया गया, तो यह न केवल इन परिवारों की आजीविका पर सीधा हमला होगा, बल्कि सामाजिक असंतोष को भी जन्म दे सकता है। संगठन ने जनप्रतिनिधियों से संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा जताई है।
ज्ञापन देने के दौरान छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक प्रखर शरण सिंह, महासचिव रमेन्द्र कुमार डड़तेना, जिला सह-संयोजक सतीश श्रीवास्तव, एवं जितेन्द्र कुमार बघेल सहित अन्य प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत किया गया।



