
राजीव गांधी जी को याद करते हुए कुंवर धर्मेंद्र सिंह ने रखे अपने विचार
भारत एक प्राचीन देश, लेकिन एक युवा राष्ट्र है. मैं जवान हूँ और मेरा भी एक सपना है. मेरा सपना है भारत को मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और दुनिया के सभी देशों में से प्रथम रैंक में लाना और मानव जाति की सेवा करना।

–राजीव गाँधी
राजीव गांधी जी को याद करते हुए कुंवर धर्मेंद्र सिंह ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि 40 वर्ष की उम्र में राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे। 1984 से 1989 तक के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश को 21वीं सदी में ले जाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए। इस मौके पर उन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी…
टेलिकॉम रेवलूशन
राजीव गांधी को भारत की इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी और टेलिकॉम रेवलूशन का पिता और डिजिटल इंडिया का आर्किटेक्ट कहा जाता है। उनके शासन में ही अगस्त 1984 में सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स (सी-डॉट) की स्थापना हुई ताकि कम्युनिकेशन टेक्नॉलजी को विकसित किया जा सकते और भारतीय टेलिकम्युनिकेशन नेटवर्क की जरूरतों को पूरा किया जा सके। वह राजीव गांधी के ही प्रयास थे जिसके कारण पीसीओ (पब्लिक कॉल ऑफिस) क्रांति हुई। पीसीओ बूथ ने ग्रामीण इलाकों को भी बाहरी दुनिया से जोड़ा। इसके अलावा 1986 में एमटीएनएल (महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड) की स्थापना हुई जिसने टेलिफोन नेटवर्क के प्रसार में मदद की।
कंप्यूटरीकरण:-
राजीव गांधी ने साइंस ऐंड टेक्नॉलजी और उससे जुड़ी इंडस्ट्रीज को प्रमोट किया। कंप्यूटर, एयरलाइंस, डिफेंस और टेलिकम्युनिकेशन से जुड़ी इंडस्ट्रीज में उन्होंने इंपोर्ट कोटा, टैक्स और टैरिफ को कम किया। कंप्यूटराइज्ड रेलवे टिकट की शुरुआत के बाद भारतीय रेलवे में भी आधुनिकता आई।
मतदान की उम्र:-
राजीव गांधी खुद युवा थे और उन्होंने युवाओं को सशक्त बनाने की कोशिश की। इस दिशा में 1989 में संविधान का 61वां संशोधन अधिनियम पास हुआ जिसके तहत वोटिंग एज को 21 से 18 किया गया।
पंचायती राज:-
राजीव गांधी के खाते में यह उपलब्धि भी दर्ज है कि उन्होंने पंचायती राज फाउंडेशन के शुरुआत की नींव रखी। इसे उनकी हत्या के एक साल बाद 1992 में संविधान में 73वें और 74वें संशोधन द्वारा बनाया गया था।
एजुकेशन:-
देशभर में हायर एजुकेशन प्रोग्राम्स के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए प्रधानमंत्री के तौर पर राजीव गांधी ने 1986 में नैशनल पॉलिसी ऑन एजुकेशन (एनपीई) की घोषणा की। एनपीई की मदद से जवाहर नवोदय विद्यालयों की शुरुआत हुई जिनका उद्देश्य के मेधावी बच्चों को अच्छी शिक्षा देना था। इन स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों को शिक्षा के दौरान आवासीय सुविधा भी दी जाती है।
|| सारा लहू बदन का जमीन को पिला दिया ||
|| हम पर था कर्ज वतन का हमने चूका दिया||

कुंवर धर्मेंद्र सिंह के द्वारा भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी जी की जन्मजयंती पर उन्हें शत् शत् नमन अर्पण किया गया ।



