रातों-रात 2 सौ से अधिक गौवंश भेजे जा रहे थे दूसरे जिले, पुलिस ने लौटाया गांव

 

गौशाला की आड़ में गौ तस्करी की आशंका, पर नहीं की गई सख्त पूछताछ, गौ तस्करी पर कैसे लगे लगाम

 

 

 

 

खरसिया : सोमवार को रात के अंधेरे में पड़ोसी जिले जांजगीर-चांपा के ग्राम चुरतेला से 200 से अधिक गौवंश को रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ ब्लॉक के वृंदावन ले जाया जा रहा था। इसी दौरान युवाओं की नजर पड़ी तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। बहरहाल गौवंश को वापस अपने ग्राम भेज दिया गया है, परंतु यह गौवंश मौत के मुंह में से कब तक सुरक्षित रहेगा, यह कहना कठिन है।

 

 

 

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आधी रात को बाम्हनपाली चौक पर 10 से अधिक ग्रामीणों द्वारा लगभग 200 गाैवंश को हांकते हुए ले जाया जा रहा था। वहीं पुलिस को चुरतेला के ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में धर्मजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया से बात कर उन्होंने वृंदावन में कई गाय छोड़ी हैं, वृंदावन के गौशाला में और गाय मंगाई गई हैं। जबकि पुलिस द्वारा पूछा गया तब पता चला कि वृंदावन में और गाय नहीं मंगाई गई हैं। ऐसे में यह स्थिति गौ तस्करी की प्रतीत हो रही है। मुमकिन है यह ग्रामीण वृंदावन गौशाला के नाम से गोवंश को कहीं और ले जा रहे हों। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि अपने गांव से हम 100 गाय लेकर निकले थे, जो रास्ते में बढ़ती चली गईं। ऐसे में माना जा सकता है कि यह लोग रातों-रात गांव से गोवंश कर पकड़ कर ठिकाने लगाने की फिराक में थे।

 

 

बताना लाजिमी होगा कि छाल थाना अंतर्गत पूर्व में गौ तस्करी के कई वाकियात सुने एवं देखे गए हैं। ऐसे में आशंका को बल मिलता है कि गौ तस्कर रातों-रात घिनौनी करतूत को अंजाम दे रहे होंगे।

वहीं चौकी प्रभारी नंदकिशोर गौतम के मुताबिक ग्रामीणों से पूछताछ पर पता चला कि ग्राम चुरतेला के उपसरपंच प्रेमसिंह चंद्रा के कहने पर 11 लोग गाय को गांव से बाहर छोड़ने जा रहे थे। वहीं पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि सुनील शर्मा एवं गौ सेवकों की उपस्थिति में सभी गायों को वापस भेज दिया गया है।

ग्राम प्रतिनिधि ही शासकीय योजनाओं को ले रहे हल्के में

उल्लेखनीय होगा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गांव-गांव में गौठान का निर्माण किया जा रहा है। वहीं वर्तमान में रोका-छेका अभियान भी जारी है। साथ ही रिकॉर्ड स्तर पर गोबर खरीदी भी की जा रही है। वहीं गांव के ही एक जनप्रतिनिधि के द्वारा शासकीय योजनाओं को धता बताते हुए गोवंश को रातों-रात लुक छिप कर भेजा जाना गंभीर प्रश्न खड़े कर रहा है। हालातों को देखें तो जनप्रतिनिधि की भूमिका संदिग्ध मानी जा सकती है। ताज्जुब है कि इतने पर भी गौ सेवक एवं पुलिस द्वारा सरलता से दिए गए जवाब पर तसल्ली करते हुए गोवंश की अंतर-जिला सप्लाई कर रहे लोगों पर किसी प्रकार की कार्रवाई ना करते हुए बस नाम लिखकर छोड़ दिया गया।

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