
स्थानीय विधायक के करीबी होने का धौंस दिखाकर तालाब में डाला जा रहा है राखड़, स्थानीय प्रशासन कार्रवाई से कर रही परहेज
सक्ती: नगर तथा आसपास इन दिनों भारी मात्रा में निजी उद्योगों से निकलने वाला राखड़ डंप किया जा रहा है। पूरे क्षेत्र में राखड़ डालकर भूमि की उर्वरता को प्रभावित किया जा रहा है।
शासन प्रशासन द्वारा कार्रवाई के नाम पर नाममात्र की कार्रवाई कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जा रही है जिससे इस प्रकार के अवैध राखड़ डंपिंग से जुड़े माफिया बेखौफ होकर राखड़ डंप कर रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों के सरपंचों को लालच देकर उनके ग्राम में राखड़ डंप किया जा रहा है। रुपयों के लालची जनप्रतिनिधि अपने ही गांव को बर्बाद करने कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
सक्ती जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम देवरमाल के सरपंच भी अपने निजी लाभ के लिए नियम कानून को ताक में रखकर अपने गाँव की बलि चढ़ा रहे हैं। कहने को तो ग्राम पंचायत देवरमाल की सरपंच महिला है पर पूरी सरपंची उनके पति चला रहे हैं। यही वजह है कि इस विषय पर उनसे संपर्क साधा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
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ग्राम पंचायत देवरमाल में सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइंस से परे आमजन के उपयोग में आ रहे तालाब को राखड़ से पाटा जा रहा है जिससे पूरे तालाब का पानी प्रदूषित हो गया है।
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ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच के द्वारा तालाब में राखड़ डंप करने की स्वीकृति प्रदान की गई है ताकि मंडी बनाई जा सके। गौरतलब बात यह भी है कि गांव में मंडी पूर्व से ही निर्मित है तो फिर से मंडी क्यों बनाई जाएगी। ग्रामीणों ने सरपंच पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरपंच ने गाँव में राखड़ डालने की स्वीकृति देकर पूरे गाँव को प्रदूषित कर दिया है, उड़ती खबर यह भी है कि इसके एवज में मोटी रकम ली गई है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बने सड़क का राखड़ से भरे ट्रकों की आवाजाही से भारी नुकसान हुआ है, जिसका खामियाजा आम ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा।
देवरमाल के सरपंच पति अपने आप को डॉ महंत के करीबी होने का धौंस दिखाकर राखड़ गिरवा रहे हैं, अब देखना यह है कि तालाब को राखड़ से पाटने वाले सरपंच तथा राखड़ डालने वाले ठेकेदार के विरुद्ध प्रशासन कोई कार्रवाई करती है या सरपंच पति के धौंस के आगे नतमस्तक हो जाती है।



