
नगर में लॉक डाउन , बेरीकेटिंग में नियम अलग अलग, नागरिक परेशान
सक्ती। नगर में सम्पूर्ण लॉक डाउन तो कर दिया गया है साथ ही बेरिकेटिंग के माध्यम से 10 जोन में बांट भी दिया गया है। वहीं बेरिकेट्स के पास बाकायदा ड्यूटी भी लगाई गई है।
लेकिन ड्यूटी पर तैनात लोगों की हठ धर्मिता से आम नागरिकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

नगर के स्टेशन रोड से थाने तक जाने के लिए तीन जगहों पर बेरिकेटिंग है जिसमें सीएसईबी चौक पर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों द्वारा आईकार्ड देख या विशेष परिस्थितियों को देख आने जाने दिया जा रहा है लेकिन मालखरौदा बस स्टैंड चौक के पास ड्यूटी पर तैनात शिक्षा विभाग के कर्मचारियों द्वारा सिर्फ सरकारी अधिकारियों को ही बेरिकेट्स हटा कर जाने दिया जा रहा है बाकियों को कहा जा रहा है कि यहां से कोई पार नहीं होगा।

अगर कोई पार नहीं होना है तो उक्त बेरिकेट्स को पूरी तरह से बंद रखना चाहिए, साथ ही लोगों को गली कूचे से पार होना पड़ रहा है इसमें भी यह बात सामने आ रही है कि अगर चोर दरवाजे से ही जाने देना है तो फिर इतनी कड़ाई किस बात के लिए की जा रही है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों से भी बात की गई तो उनका भी यही कहना है कि बेरिकेट्स पूरी तरह से बंद हो या पास देख आने जाने दिया जाए।
अब यह बात समझ से परे है कि इन सभी बेरिकेटिंग में नगर के किन प्रभावशाली व्यक्तियों की चल रही है जो अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग नियम कायदे बनाएं हुए हैं।
पुलिस जहां खड़ी है वहां पास या कार्ड के माध्यम से आने जाने की सुविधा है लेकिन जिस बेरिकेट्स में पुलिस विभाग के कर्मचारी नहीं खड़े है वहां बेरिकेट्स से किसी को आने जाने नहीं दिया जा रहा है ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों द्वारा ही चोर दरवाजा बताया जा रहा है। नगर में इस तरह के दोयम दर्जे के नियमों से जहां नगर वासियों में आक्रोश है वहीं बेरिकेट्स किसके अधीन है यह भी सवालों को जन्म देता है। लॉक डाउन के नियम सब के लिए बराबर हैं लेकिन नगर में गाड़ी के नंबर देख बेरिकेट्स में तैनात कर्मचारियों द्वारा नियम बनाया जा रहा है।



