पेट्रोल डीजल मूल्यवृद्धि और वर्तमान परिदृश्य

संपादकीय ,

जब भी सरकार को देश हित के लिए आपातकालीन परिस्थितियों में चाहे वह महामारी हो या युद्धकालीन स्थिति हो फंड की आवश्यकता होती है तब फंड जुटाने का सबसे सरल और कारगर तरीके को अपनाया जाता है ताकि तत्काल फंड की व्यवस्था की जा सके । वहीं सबसे आसान तरीका डीजल पेट्रोल के मूल्यवृद्धि का है जिससे प्रतिदिन, प्रतिलीटर , प्रतिव्यक्ति उपयोग के अनुसार प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष रूप से जनता से सहयोग लिया जाता है। देश में अन्य किसी भी वस्तु के मूल्यवृद्धि से या किसी टैक्स से तत्काल रूप से फंड एकत्र नहीं किया जा सकता । आइये मूल्यवृद्धि के इस सिद्धांत को जरा समझने की कोशिश करते हैं ।

एक आम आदमी जो मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करता है उसकी औसत पेट्रोल खपत के आधार पर उस पर पड़ने वाला प्रभाव को देखते हैं । आम आदमी मोटरसाइकिल से एक महीने में औसतन 600 किमी की यात्रा करता है और औसत माइलेज 50 प्रतिलीटर मानते हैं तो 12 लीटर उपयोग करता है यदि महीने भर में 10 रुपये लीटर भी बढ़ जाता है तो आम आदमी के जेब से 120 रुपए ही निकलते हैं (ये अधिकतम आंकड़े हैं) अब विचारणीय तथ्य यह है कि जिस आम व्यक्ति के पास 60 से 70 हजार की मोटरसाइकिल हो क्या वह 120 रुपये महीने के अतिरिक्त खर्च को नहीं वहन कर सकता ???
ऐसे ही कार वालों के साथ भी है क्या कार रखने वाला व्यक्ति जो कि कम से कम 5 लाख की कार खरीद सकता है तो क्या प्रतिलीटर 5 से 10 रुपये (अधिकतम ) मूल्यवृद्धि को नहीं वहन कर सकता????

हम भारतीयों की यही सबसे बड़ी खराबी है हम अन्य किसी भी उत्पाद को किसी भी कीमत पर लेने को तत्पर रहते हैं पर डीजल पेट्रोल पर हायतौबा मचाते हैं । आज बाजार में बहुत से ऐसे पदार्थ हैं जो कि अपने वास्तविक कीमत से कई गुना ज्यादा कीमत पर बिक रहे हैं उन बातों या वस्तुओं पर हम कभी भी ध्यान नहीं देते सिर्फ डीजल पेट्रोल ही हम सबको तकलीफ देता है।
सरकार आपसे जबर्दस्ती डीजल पेट्रोल डलवाने को तो नहीं कहती आप ही अपनी सहुलियत के हिसाब से अपने अपने वाहनों में डीजल पेट्रोल डलवाते हैं । आप उस डीजल और पेट्रोल को अपने कार्य या व्यवसाय के लिए उपयोग करते हैं जिससे कि आपको फायदा मिलता है ।यदि आप कर्मचारी हैं तो आपको शासन से वेतन मिलता है ।जब आप अपने फायदे के लिए डीजल और पेट्रोल डलवाते हैं तो इससे शासन को फंड(रकम) मिलता है जो कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों को अपने अपने तय किए मानक के हिसाब से विभाजित होता है , उस प्राप्त रकम का उपयोग राज्य और केंद्र सरकार आम जनता की सुविधा के लिए योजनाओं के रूप में खर्च करती है । एक तरफ आप शासन से नई नई योजना , नई सुविधाओं की अपेक्षा रखते हैं दूसरी तरफ आप शासन को कुछ देना भी नहीं चाहते ,, यही सोच हम सबकी उन्नति और देश की उन्नति में बाधक बन रही है ।
आज एक भारतीय होने के नाते सोचकर देखिए कि वर्तमान में विश्व परिदृश्य में भारत की क्या स्थिति है ,,क्या आपको नहीं लगता कि आज भारत दुनियाभर को अपनी एक मजबूत स्थिति का एहसास करा रहा है । आज विश्वभर में जो भी बड़े निर्णय लिए जाते हैं उन सभी में भारत की भी राय ली जाती है और उसे मानी भी जाती है। आज एक मजबूत देश के मजबूत नागरिक के रूप में आपकी विश्वभर में पहचान है । वर्तमान तत्कालीन परिस्थितियों में जो आपातकालीन परिस्थिति निर्मित हुई है उससे निपटने में अपनी अपनी भूमिका निभाइये और अपने देश को आर्थिक स्तर पर मजबूत बनाइये ।

राजीव लोचन सिंह ठाकुर
संपादक – *”सौमित्र”

Live Share Market

जवाब जरूर दे 

क्या सक्ती जिला अपनी आशानुरूप जिला स्तर का स्वरूप प्राप्त कर रहा है ??

View Results

Loading ... Loading ...

Related Articles

Back to top button
.
Website Design By Bootalpha.com +91 8448265129
.
Close