
बढ़ रही गौ तस्करों की सक्रियता , गौठान और जंगल में छोड़ने का बहाना बना आड़
खरसिया: शासन द्वारा फसलों की सुरक्षा के लिए बनाई गई रोका-छेका योजना एवं गोवंश की रक्षा के लिए बनाई गई महत्वपूर्ण योजना गौठान को आड़ बनाकर क्षेत्र में गौ तस्करों ने अपनी सक्रियता फिर से बढ़ा दी है। पिछले दिनों युवकों ने हौसला कर सोमवार की आधी रात को बाम्हनपाली के पास से 200 गोवंश को वापस अपने गांव भेजा था।

वहीं भालूनारा, चंद्रशेखरपुर, खेदापाली, बांधापाली, देहजरी, बरभौना, भेलवाड़ीह आदि 30 से अधिक गांव के पास खेतों के रास्ते ना सिर्फ आधी रात, वरन दिन में भी बड़ी मात्रा में गोवंश को हांकते हुए ले जाने की घटनाएं अक्सर देखी जाने लगी हैं।

वर्तमान स्थिति यह है कि अब गौ तस्करों ने टोका-टोकी से बचने के लिए महिलाओं का उपयोग भी शुरू कर दिया है। बाकायदा चरवाहे के रूप में चल रहे लोगों के साथ महिलाएं भी देखी जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में गौ तस्कर सक्रिय हो गए हैं, जो दूध ना देने वाली गाय एवं बछड़ों, बैलों को गौठान में छोड़ आने का बहाना लिए गांव में चुपके से अपनी पैठ बनाते हैं। वहीं दूध का व्यापार करने वाले लोग तथा बछड़ों की बहुलता वाले कृषक अपने परेशानी से पीछा छुड़ाने के लिए बूढ़ी गाय तथा बछड़ों को इन गौ तस्करों के हाथों में यह सोचकर दे देते हैं कि गौठान में उनके पशु महफूज रहेंगे। पिछले शनिवार को छाल थाना के सामने से ही कुछ बेखौफ लोग नवागांव गौशाला ले जाने के बहाने बड़ी संख्या में गोवंश को ले जाते देखे गए हैं। वहीं जगह के अभाव मे जागरूक लोग, तथा प्रशासन एवं पुलिस , स्थानीय नेता भी ऐसे लोगों पर कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं।
