सक्ती क्षेत्र में कांग्रेस की गुटबाजी चरम पर, विशेष आयोजनों में दिखने लगा असर,,,
सक्ती: कांग्रेस और गुटबाजी का चोली दामन का साथ है यह बात तो शास्वत सत्य है। इसी बात को सिद्ध करता हुआ सक्ती शहर जिसमें कांग्रेस का गुट के रूप में विभाजन स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। शहर में इन दिनों कांग्रेस की गुटबाजी चरम पर पहुंच चुकी है, कांग्रेस की गुटबाजी का नजारा शहर में आयोजित विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आ ही जाता है। सक्ती विधायक और विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत प्रदेश और देश के कद्दावर नेता हैं। सक्ती से विधायक होने के कारण वर्तमान में सक्ती शहर तथा क्षेत्र में इन्हीं का दबदबा है।
जानकार मानते हैं कि इनकी मर्जी के बिना शहर तथा क्षेत्र में एक पत्ता भी नहीं हिलता, बावजूद इसके कांग्रेस की गुटबाजी सार्वजनिक कार्यक्रमों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे जाती है।
ताजातरीन घटनाक्रम में महज कुछ दिन पूर्व ही 23 जुलाई को स्वर्गीय बिसाहू दास महंत जी की 44 वी पुण्यतिथि मनाई गई, इस अवसर पर शहर में विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। पुण्य तिथि को लेकर जहां तहसील कार्यालय परिसर पर एक दिवसीय नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर, दवा वितरण का आयोजन किया गया, वहीं नगर के वार्ड नंबर 8 पर स्वर्गीय बिसाहू दास महंत उद्यान पर स्थित बिसाहू दास महंत जी की प्रतिमा पर डॉ महंत एवं परिवार सहित कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने फूल माला अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी।
सक्ती नगर के इस बड़े कार्यक्रम में कांग्रेस की गुटबाजी का आलम यह रहा कि उक्त कार्यक्रम में राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह समर्थक गुट एवं एक गुट वह जो कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समर्थक गुट कहलाता है उनमें से एक भी कांग्रेसी कार्यक्रम में नजर नहीं आए। उक्त कार्यक्रम में सिर्फ डॉ महंत गुट के ही क्षेत्रीय तथा स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता नजर आए।
कार्यक्रम को लेकर सूत्रों की माने तो कार्यक्रम के लिए निमंत्रण कार्ड भी सैकड़ों की संख्या में छपवाए गए थे मगर जिम्मेदारों ने ठीक से कार्ड का वितरण नहीं कराया जिससे क्षेत्र के कुछ खास गिनती के लोगों को ही निमंत्रण पत्र देकर जिम्मेदारी पूरी कर ली गई यही वजह रही कि ज्यादा भीड़ भी नहीं जुट पाई।
ध्यान देने योग्य बात तो यह है कि सार्वजनिक स्तर पर स्वर्गीय बिसाहू दास महंत की 44 वीं पुण्यतिथि पर यह शहर में पहला आयोजन था और यही आयोजन गुटबाजी तथा अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया।
विदित हो कि स्वर्गीय बिसाहू दास महंत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं साथ ही अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक और मंत्री के रूप में प्रदेश के विकास के लिए अपनी अमूल्य सेवाएं दी हैं। छत्तीसगढ़ में सिंचाई और सड़क अधोसंरचना के विकास हेतु अद्वितीय योगदान दिया। हसदेव बांगो परियोजना उनके सपनों का साकार रूप है, श्री महंत का पूरा जीवन जनसेवा के लिए समर्पित रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार उनके आदर्शों के अनुरूप विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। अपने पिता के सपनों को साकार करने में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। डॉ महंत के राजनीतिक कद को देखते हुए उक्त कार्यक्रम में जरूरत से ज्यादा भीड़ होने की उम्मीद थी, लेकिन उम्मीद से परे कार्यक्रम में गिने चुने कुछ पुराने चेहरे नए लिबास में नजर आए।
कांग्रेस में गुटबाज़ी का आलम यह रहा कि मुख्य आयोजन के पश्चात 23 जुलाई को ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पार्षद ईश्वर लोधी के नेतृत्व में स्व.बिसाहू दास महंत जी की 44 वीं पुण्यतिथि पर 44 दीप प्रज्वलित कर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। स्वर्गीय बिसाहू दास महंत की पुण्यतिथि पर एक ही स्थान पर अलग-अलग समय पर कार्यक्रम आयोजित किए गए, वहीं महल गुट ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम से अपनी दूरी बनाए रखी। अपने आप को एकजुट दिखाने की असफल कोशिश करने वाले नगर तथा क्षेत्र के कांग्रेसियों का यदि यही हाल रहा तो इस बात पर कहीं कोई शक नहीं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस ही कांग्रेस की बर्बादी का कारण बनेगी।