अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए सक्ति से भी जुड़ी हैं कारसेवा की सुनहरी यादें
करीब तीन दशक पूर्व सक्ति अंचल के लोगों ने राम मंदिर के लिए की थी कार सेवा
सक्ति: माननीय न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद केंद्र सरकार के द्वारा राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है । देश मे करोङों हिंदुओं के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र जी की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का भूमि पूजन पूज्य संतो के सान्निध्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से संपन्न हो रहा है।
श्री राम मंदिर निर्माण का करोड़ों देशवासियों का सपना करीब 500 बरसों के संघर्ष और लाखों कार सेवकों के त्याग,तपस्या,और बलिदान के बाद साकार हो रहा है। राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने तत्कालीन अविभाजित मध्यप्रदेश के समय सक्ती अंचल से भी सैकड़ो लोग अलग अलग समूहों में अयोध्या गए थे, जिसमे कुछ आज हमारे बीच नहीं रहे, तो कुछ हमारे बीच इन्ही सुनहरी यादों के साथ गर्व की अनुभूति कर रहे हैं ।
इन्हीं में से एक हमारे नगर के अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने तात्कालीन कार सेवा की स्मृतियों को साझा करते हुए बताया कि सक्ती अंचल से तात्कालीन विधायक स्व. कुमार पुष्पेंद्र बहादुर सिंह, स्व. जगदीश सराफ, स्व. रामप्रसाद राठौर, धनेश्वर राठौर, अधिवक्तता नंदलाल साहू, पंडित नारायण शर्मा, लक्ष्मी सोनी, अधिवक्तता कृष्ण कुमार देवांगन, दीपक गुप्ता, रमेश सिंघानिया बाराद्वार, मनमोहन अग्रवाल, अधिवक्तता विजय चंद्रा बाराद्वार, विजय राठौर नन्दौरखुर्द, गजानन्द राठौर नन्दौर , मलखे सोनी सक्ति, गुड्डा प्रधान, बबुआ नाई, होशराम राठौर किरारी, आदि वरिष्ठजनों के साथ हम लोग कार सेवा आंदोलन में शामिल रहे । जिनमें से हमारे अधिकांश लोगों को सरकारी फ़ौज के लाठी डंडों की मार के साथ जेल में डाल दिया गया था।श्री पटेल ने बताया कि उनके साथ 19 प्रान्त के बच्चों के साथ बुजुर्ग, महिलाएँ , पुरुष 5 दिनों तक तात्कालीन उ प्र की मुलायम सिंह सरकार के अस्थाई जेल में अघोषित रूप से कैद में रहे तथा कैद के दरम्यान किसी – किसी दिन तो दो वक्त का भोजन भी नसीब नहीं होता था। परंतु रिहाई के बाद वापस लौटते समय उ प्र सीमा पार होते ही अनेकों स्थान- स्थान पर जय श्रीराम के उद्घोष के साथ हम सभी कार सेवकों का भव्य स्वागत किया गया था, जो आज भी मानस पटल पर अमिट है।आज जब राम मंदिर का निर्माण का शुभारंभ हो रहा है तो अंचल के इन कारसेवकों का स्मरण औऱ उनके योगदान को याद करना लाजिमी है…निश्चित रूप से कहीं न कहीं उक्त राम मंदिर आंदोलन में तब इन कार सेवकों के पसीने और तो और कुछ के शरीरों से रक्त की बूंदे तक बही थी। सक्ती अंचल इन सभी कार सेवकों का राम मंदिर भूमि पूजन के शुभ अवसर पर स्मरण करते हुए शत शत अभिनंदन एवम सपना साकार होने पर आभारी है। ज्ञात हो कि 5 अगस्त को राम मंदिर के होने जा रहे भूमि पूजन को लेकर सक्ति अंचल में काफी उत्साह नजर आ रहा है तथा जिन लोगों ने कार सेवा में अपना योगदान दिया एवं आज जो इस दुनिया में है ऐसे लोगों को काफी प्रसन्नता हो रही है , वह फूले नहीं समा रहे हैं तथा उन्हें इस बात का गर्व है कि उन्होंने जो त्याग इस कार सेवा के लिए किया कहीं न कहीं यह उसी का प्रतिफल है।